The 2-Minute Rule for वशीकरण मंत्र किसे चाहिए



कामाख्या मंत्र: "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे"

यह मंत्र उन लोगों के लिए है जो सच्चे प्यार या जीवनसाथी की तलाश में हैं, या फिर जिनके रिश्ते में खटास आ गई है।

स्थान चुनें: वशीकरण मंत्र का उच्चारण करने के लिए शांतिपूर्वक और शुद्ध स्थान चुनें। एक ध्यान मंदिर या अपने पूजा स्थल का उपयोग कर सकते हैं।

विधि: शनिवार की रात्रि में इस मन्त्र का एक सौ एक जप करें। मन्त्रजप के समय घी का दीपक जलता रहे। गुग्गुल की धूनी दें तथा पुष्प और मिठाई प्रसाद के रूप में चढ़ाएं। फिर उस मिठाई को मन्त्र से अभिषिक्त करके जिसे भी खिला देंगे, वह वशीभूत होकर कहना मानने पर बाध्य हो जाएगा।

होली या दीपावली जब रविवार के दिन हो, तो एरण्ड के पौधे को उपर्युक्त मन्त्र का उच्चारण करते हुए बाँयें हाथ द्वारा एक झटके से उखाड़कर ले आएं। फिर इसके छोटे-छोटे टुकड़े करके मन्त्र से इक्कीस बार अभिमन्त्रित कर जिस स्त्री से स्पर्श करा देंगे, वह तत्काल वशीभूत हो जाएगी।

इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

नमो भगवते कामदेवाय सर्वजन प्रियाय सर्वजन सम्मोहनाय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल हन हन वद वद तप तप सम्मोहय सम्मोहाय सर्वजन मे वशं कुरू कुरू स्वाहा

आकर्षण के लिए मोहिनी वशीकरण मंत्र साधना के आसान उपाय और टोटके मनचाहा प्यार पाने के लिए

विज्ञान की दृष्टि से, वशीकरण मंत्रों का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो इनके प्रभाव को साबित कर सके। यह मानवीय मन के साथ जुड़ी अज्ञात शक्तियों का एक परिणाम हो सकता है, जो हमें अभी तक समझने में नहीं आयी हैं। हालांकि, कई लोग अपने अनुभवों के आधार पर इन मंत्रों को सत्य मानते हैं और इनका उपयोग करके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन देखते हैं।

इस मंत्र का प्रयोग सिर्फ एक बार में एक व्यक्ति पर ही सिद्ध होता है.

ॐ ताल तुम्बरी दह दह दरै झाल झाल आं आं आं हूं हूं हूं हैं हैं हैं काल कमानी कोटा कमरिया ॐ ठः ठः।

ॐ नमो काल भैरव काली रात काला आया आधी रात चलै कतार बांधू तू बावन वीर पर नारी सो राखै सीर छाती घरिके वाको लाओ सोती होय read more जगा के लाओ बैठी होय उठा के लाओ शब्द सांचा पिण्ड काचा फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा सत्य नाम आदेश गुरु का।

कामाख्या मंत्र को बहुत शक्तिशाली माना जाता है। इस मंत्र को सिद्ध करने वाले साधक के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। मंत्र सिद्धि के नियम कठिन हैं इसलिए इसे मजाक में लेना खतरनाक है। इस दिशा में तभी आगे बढ़ना चाहिए जब आत्मविश्वास हो और उपलब्धि के प्रति प्रतिबद्धता हो। साधना के आरंभ में विनियोग, करणे, अंग न्यास करें। इसके बाद ध्यान के लिए अपनी चेतना को देवी के निम्नलिखित अतुलनीय स्वरूप पर केंद्रित करें-

पान पढ़ि खिलावे, त्रिया जोरि बिसरावे, क्षीरे त्रिया तोरा साथ नहि जावे, नाग वो नागिन फेन काढ़े, तोर मुख न हित जाए वो, रे नागा, दोहाई गुरु नानक शाही का, दोहाई डाकिन का।

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